आज शेख़चिल्ली अपना मोबाइल चार्ज होने के लिए घर पर छोड़ कर कहीं चले गए। हम अस्तंजा फ़रमा रहे थे कि अचानक मोबाइल की बेल बजी। हम फ़ौरन साफ़ और पाक होकर मोबाइल की तरफ़ लपके कि शायद दूसरी तरफ़ से हमारी होने वाली बहू की आवाज़ ही सुनाई दे जाये लेकिन हाय रे क़िस्मत! पता चला कि दूसरी तरफ़ से दो लतीफ़े भेजे गये हैं। आप भी इन्हें पढ़कर उसी तरह अपना माथा ठोकियेगा जैसे कि हमने ठोका था।
समझदारी की बातें
1. एक साहब का क्रेडिट कार्ड चोरी चला गया लेकिन उन्होंने पुलिस में शिकायत नहीं की।
कारण ?
कारण यह था कि चोर उनकी बीवी से कम ख़र्च कर रहा था।
2. एक पागलख़ाने में एक पागल बीड़ी को बिना जलाए ही पी रहा था। यह देखकर दूसरे पागल ने पूछा, ‘तुम्हारी बीड़ी से धुआं तो निकल ही नहीं रहा है ?‘
पहले पागल ने जवाब दिया,‘कर दी न पागलों वाली बात, यही सीएनजी बीड़ी है।‘
ऐगनस रेपलियर ने कहा है कि ‘हम जिसके साथ हंस नहीं सकते, उसके साथ प्यार भी नहीं कर सकते।‘ ठीक ही कहा है रेपलियर ने लेकिन रेपलियर ने यह नहीं बताया कि जहां प्यार न हो, वहां प्यार कैसे पैदा किया जाए ? वह आपको मैं बताऊंगा। ‘आप जिन लोगों से प्यार नहीं करते, उनके साथ हंसिए-बोलिए, प्यार पैदा हो जाएगा।‘
Popular Posts
-
आदमी के बहुत से रूप हैं। जितने रूप असली दुनिया में हैं उतने ही इस छलावे की दुनिया में भी हैं। लोग दुखी हैं। वे दिल ...
-
(स्पेशल अपील - बुरा न मानो होली है वाले जज़्बात लेकर मेरी यह रचना पढ़ी जाए, तभी आप इसका लुत्फ़ ले सकेंगे।) ‘चल रचना, तुझे अलब...
-
यह बताया जायेगा आपको अमन के पैगाम पर जल्द ही . तब तक इंतज़ार कीजिये . और इंतज़ार का मज़ा लीजिये .
5 comments:
cool jokes !
thanks.
शेखचिल्ली के बाप साहब लगता है आप ने मेरी नयी पोस्ट पढ़ ली. joke को moblie से sms द्वारा भी भेजना सीख लें.आप बड़े ब्लोगर जल्द बन जाएंगे और ७०-८- टिप्पणी तो अवश्य रूज़ मिल जाया करेंगी.
हा हा मजेदार -नए जमाने के जोक्स !
@ Sister Divya ji !
कृपया
मेरी नई पोस्ट देखेंऔर बताएं कि जनाब अरविन्द मिश्र की राय से आप कितना सहमत हैं और इस पोस्ट में आप मुझे जिस रूप रंग में देख रहे हैं , क्या यह बंद ज़हन की अलामत है ?
http://ahsaskiparten.blogspot.com/2010/12/shades-of-sun.html
good joke
Post a Comment