जो उलझ कर रह गई है फ़ाइलों के जाल में
गांव तक वो रौशनी आएगी कितने साल में
बूढ़ा बरगद साक्षी है किस तरह से खो गई
रमसुधी की झोंपड़ी सरपंच की चौपाल में
खेत जो सीलिंग के थे सब चक में शामिल हो गए
हमको पट्टे की सनद मिलती भी है तो ताल में
जिसकी कीमत कुछ न हो इस भीड़ के माहौल में
ऐसा सिक्का ढालना क्या जिस्म की टकसाल में
~~~~~~~:-*
अब आपको दिक्कत आ सकती है कुछ अल्फ़ाज़ को समझने में , तो अपुन तो लफ़ड़ा ही नहीं पालता मतलब बताने का .
खुद टक्कर मारो प्यारो .
लेकिन दीवार में नहीं बल्कि इस वेबसाइट में -
www.weboword.com
इस वेबसाइट में हर शब्द को चित्र के साथ समझाया गया है .
और यह सर्च इंजन भी आपको पसंद आएगा -
www.favitt.com
यह दूसरे सर्च इंजन भी दर्शाता है और अगर दूसरे सर्च इंजनों में है वह चीज़ जो कि आप खोज रहे हैं तो पेज की दाहिनी तरफ़ उसे भी दिखाता है .
देखो , आपने एक पंथ दो काज तो देखा होगा मगर हमने कर दिए तीन तीन काज .
ख़ुश ?
ऐगनस रेपलियर ने कहा है कि ‘हम जिसके साथ हंस नहीं सकते, उसके साथ प्यार भी नहीं कर सकते।‘ ठीक ही कहा है रेपलियर ने लेकिन रेपलियर ने यह नहीं बताया कि जहां प्यार न हो, वहां प्यार कैसे पैदा किया जाए ? वह आपको मैं बताऊंगा। ‘आप जिन लोगों से प्यार नहीं करते, उनके साथ हंसिए-बोलिए, प्यार पैदा हो जाएगा।‘
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यह बताया जायेगा आपको अमन के पैगाम पर जल्द ही . तब तक इंतज़ार कीजिये . और इंतज़ार का मज़ा लीजिये .
5 comments:
एक बहुत ही ख़ूबसूरत सच कहा आपने,
मिस्टर फ़ादर ऑफ़ शेख़ चिल्ली।
सुदर कविता के साथ वेब साईट की अच्छी जानकारी के लिए आभार ।
एक अच्छी कविता और ज्ञानवर्धन लिंक
@ शेख़ साहब ! आप एक अच्छे टिप्पणीकार हैं , यह तो मैं जानता हूं लेकिन आप एक प्रतिभाशाली लेखक भी हैं , यह अब सामने आया ।
देर आयद , दुरूस्त आयद !
ख़ुश आमदीद !
आपके सर्च इंजन को ट्राई किया , अच्छा लगा ,
शुक्रिया !!
बहुत खूबसूरती से अपनी बात को कह भी दी और पूछते हो समझे या नहीं ?
बहुत सुन्दर अभ्व्यक्ति दोस्त !
पड़कर बहुत अच्छा लगा !
आगे के लिए शुभ कामनाएं !
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