tag:blogger.com,1999:blog-7268661646592968656.post8156238794310715021..comments2023-06-25T05:27:25.141-07:00Comments on शेखचिल्ली का बाप: ‘अमन का पैग़ाम‘ लीजिए और ‘अमन का पैग़ाम‘ दीजिए, करने का सबसे ज़्यादा ज़रूरी काम आज यही हैशेखचिल्ली का बापhttp://www.blogger.com/profile/04849047189746971974noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-7268661646592968656.post-87137477816314044042020-04-24T06:21:06.539-07:002020-04-24T06:21:06.539-07:00बहुत अच्छा लेख है
ऐसे ही हिन्दी लेख
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...बहुत अच्छा लेख है <br />ऐसे ही हिन्दी लेख<br /> यहां पढे 👇<br /><a href="www.puranikatha.in" rel="nofollow"> हिंदी कहानियां </a><br />प्रिया सिंहhttps://www.blogger.com/profile/16916523094877929621noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7268661646592968656.post-7750030405584578472011-03-15T19:18:41.772-07:002011-03-15T19:18:41.772-07:00Wonderful post !Wonderful post !ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7268661646592968656.post-38542558323251315652011-01-29T19:45:06.683-08:002011-01-29T19:45:06.683-08:00@ शेख़ जी ! यह लेख वाक़ई सुंदर , सटीक और लाभकारी है ...@ शेख़ जी ! यह लेख वाक़ई सुंदर , सटीक और लाभकारी है ।<br />आपका शुक्रिया ।DR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7268661646592968656.post-75766612510714931372011-01-28T20:06:41.183-08:002011-01-28T20:06:41.183-08:00एक बेहतरीन लेख जो अमन के पैग़ाम के लिए लिखा गया था...एक बेहतरीन लेख जो अमन के पैग़ाम के लिए लिखा गया था. आप का बहुत बहुत शुक्रिया भाई. और भी कुछ लिखा हो तो मुझे अमन का पैग़ाम से पेश करने मैं ख़ुशी होगी. साभारएस एम् मासूमhttps://www.blogger.com/profile/02575970491265356952noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7268661646592968656.post-17878336259488336942011-01-28T19:53:32.772-08:002011-01-28T19:53:32.772-08:00आज दूसरी बार मै आपके ब्लॉग मै आई और आपका लेख पढ़ कर...आज दूसरी बार मै आपके ब्लॉग मै आई और आपका लेख पढ़ कर बहुत ख़ुशी हुई और मै आपके सभी तथ्यों से सहमत हु आपने जो भी लिखा है बिल्कुल सही लिखा अगर वास्तव मै इन्सान अमन चाहता है तो उसे उसकी शुरुवात दुसरे को बदलने से पहले खुदको बदल कर ही करना होगा अगर हम किसी को जवाब प्यार से देंगे तो हमे भी जवाब प्यार से ही मिलेगा बिल्कुल सही कहा और जब तक हम इसे अपने जीवन मै नहीं ढालेंगे तब तक अमन के पैगाम लाने मै कष्ट होता ही रहेगा क्युकी जब हर कोई अपने आप को संवर लेगा तो अमन खुद बखुद आ जएगा ! मै आपकी रचना से सहमत हूँ !<br /><br />बहुत सुन्दर विचार !Minakshi Panthttps://www.blogger.com/profile/07088702730002373736noreply@blogger.com